CC-1:- बाल्यावस्था और उसका विकास

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About Course

बाल्यावस्था और उसका विकास 

**Guru Dars** पर प्रस्तुत **”बाल्यावस्था और उसका विकास”** कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए एक सम्पूर्ण समाधान है, जो इस विषय में गहराई से समझ बनाना चाहते हैं और परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना चाहते हैं।

कोर्स में क्या मिलेगा?
1. **पूर्ण पाठ्यक्रम की जानकारी**
– कोर्स में आपको **”बाल्यावस्था और उसका विकास”** का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम प्रदान किया जाएगा।
– प्रत्येक अध्याय को सरल और व्यावहारिक रूप में समझाने की सुविधा।

2. **परीक्षा पैटर्न की विस्तृत जानकारी**
– परीक्षा का प्रारूप, प्रश्नों के प्रकार और उनके महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर विशेष ध्यान।

3. **वीडियो के माध्यम से पाठ्यक्रम की व्याख्या**
– हर टॉपिक की विस्तृत व्याख्या।
– आसान भाषा में गहराई से समझाने वाली वीडियो।

4. **परीक्षा आधारित प्रश्न-उत्तर**
– विषय से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास।
– संभावित प्रश्नों का विस्तृत समाधान।

5. **पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र (Previous Question Array)**
– पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का संग्रह।
– उन प्रश्नों के उत्तर के साथ उनका विश्लेषण।

 कोर्स क्यों चुनें?
– **सम्पूर्ण समाधान:** सभी प्रकार की शैक्षिक और परीक्षा संबंधित जरूरतों के लिए एक ही जगह।
– **सरल और प्रभावी सामग्री:** जटिल विषयों को समझने में मददगार।
– **गुरुDars की गुणवत्ता:** भरोसेमंद और गुणवत्तापूर्ण सामग्री।

**गुरुDars** के साथ इस कोर्स में नामांकन करें और **”बाल्यावस्था और उसका विकास”** में अपने ज्ञान को नया आयाम दें। यह कोर्स आपकी तैयारी को सही दिशा में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

👉 **आज ही नामांकन करें और अपने सफलता की ओर कदम बढ़ाएं!**

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What Will You Learn?

  • GuruDars पर उपलब्ध इस कोर्स के माध्यम से आप "बाल्यावस्था और उसका विकास" को गहराई से समझ पाएंगे। यह विशेष रूप से बिहार विश्वविद्यालय के B.Ed छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स में आप निम्नलिखित महत्वपूर्ण पहलुओं को सीखेंगे:
  • बाल्यावस्था के विकास की मूलभूत जानकारी
  • बाल्यावस्था के विभिन्न चरणों और उनके महत्व को समझें।
  • शारीरिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक, और सामाजिक विकास के पहलुओं की जानकारी।
  • सिलेबस की गहन समझ
  • पाठ्यक्रम के प्रत्येक टॉपिक की विस्तृत व्याख्या।
  • अध्यायवार स्पष्टीकरण ताकि आपकी अवधारणाएं स्पष्ट हों।
  • परीक्षा आधारित तैयारी
  • परीक्षा के प्रारूप और संरचना की पूरी जानकारी।
  • परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को हल करने की कुशलता।
  • सैद्धांतिक ज्ञान का विश्लेषण
  • बाल्यावस्था विकास से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों का अध्ययन।
  • व्यावहारिक ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण सोच और विश्लेषण कौशल विकसित करना।
  • सिद्धांतों का व्यावहारिक उपयोग
  • बाल विकास के सैद्धांतिक पहलुओं को वास्तविक जीवन के शैक्षणिक परिदृश्य से जोड़ना।
  • शिक्षण और सीखने में बाल विकास के प्रभाव को समझना।
  • पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों का अभ्यास
  • पिछले वर्षों के प्रश्नों को हल करना और उनका विश्लेषण।
  • महत्वपूर्ण टॉपिक्स और परीक्षा में अधिक स्कोर वाले क्षेत्रों की पहचान।
  • बेहतर शिक्षण कौशल
  • अपने ज्ञान का उपयोग करके बच्चों के लिए बेहतर शिक्षण अनुभव तैयार करना।
  • विभिन्न शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं को समझने और उन्हें पूरा करने की क्षमता।
  • इस कोर्स के अंत तक:
  • आप अपने B.Ed परीक्षा की पूरी तैयारी कर चुके होंगे।
  • बाल्यावस्था और उसके विकास की गहरी समझ के साथ, आप एक कुशल शिक्षक बनने की ओर अग्रसर होंगे।
  • 👉 आज ही सीखना शुरू करें और अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ाएं!

Course Content

इकाई 1 : बाल्यावस्था की समझ
बाल्यावस्था की समझ: ववकासात्मक परिप्रेक्ष्य। • बाल्यावस्था के आयाम: सामाविक, साांस्कृविक, िािनीविक एवां आवथिक। • बाल्यावस्था के प्रमुख घटक: परिवाि, पड़ोस, समुदाय एवां ववद्यालय। • बावलक एवां बाल्यावस्था: वबहाि के वास्तववक सांदर्ि में। • िाष्ट्रीय लक्ष्य के सांबांध में: पूवि बाल्यावस्था विक्षा के सामान्य उद्देश्य। • आनन्दायी बाल्यावस्था की धािणा: मुख्य सांवाद एवां िैवक्षक वनवहिाथि। • वैयक्तिक ववकास के आयाम: िािीरिक, सांज्ञानात्मक, र्ाविक, सामाविक एवां नैविक इनके अांिःसम्बन्ध एवां विक्षक़ोां के वलए वनवहिाथि। (वपयािे, इरिक्सन औि क़ोहलबर्ि सांदर्ि में) इकाई 2

  • • बाल्यावस्था की समझ: विकासात्मक परिप्रेक्ष्य।
  • • बाल्यावस्था के आयाम: सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक।
  • • बाल्यावस्था के प्रमुख घटक: परिवार, पड़ोस, समुदाय एवं विद्यालय।
  • • बालक एवं बाल्यावस्था: बिहार के वास्तविक संदर्भ में।
  • • राष्ट्रीय लक्ष्य के संबंध में: पूर्व बाल्यावस्था शिक्षा के सामान्य उद्देश्य।
  • • आनन्दायी बाल्यावस्था की धारणा: मुख्य संवाद एवं शैक्षिक निहितार्थ।
  • • वैयक्तिक विकास के आयाम: शारीरिक, संज्ञानात्मक, भाषिक, सामाजिक एवं नैतिक इनके अंतःसम्बन्ध एवं शिक्षकों के लिए निहितार्थ। (पियाजे, इरिक्सन और कोहलबर्ग संदर्भ में)

इकाई 1 : बाल्यावस्था की समझ- (QUESTION – ANSWER)
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इकाई 2 : किशोरावस्था की समझ

इकाई 2 : किशोरावस्था की समझ (Question_Answer)

इकाई 3 : समाजीकरण एवं अध्येता संदर्भ की समझ

इकाई 3 : समाजीकरण एवं अध्येता संदर्भ की समझ (Question -Answer)

इकाई 4 : अध्येता में विभिन्नता की समझ

इकाई 4 : अध्येता में विभिन्नता की समझ (Question – Answer)

इकाई 5 : अधिगमकर्ता पहचान का विकास

इकाई 5 : अधिगमकर्ता पहचान का विकास (Question-Answer)

Question -2017

Question-2018

Question-2019

Question 2020

Question-2021

Question-2022

Question -2023

Question -2024

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